हर नया छल, हर नये कल को, तबाह करता है नीयत अपने स्वर अलापती
आत्मा का प्रबोधन और शयन काल
आत्मा (प्राणवायु ऊर्जा ) का प्रबोधन और शयन काल आत्मा का प्रबोधन और
हर नया छल, हर नये कल को, तबाह करता है नीयत अपने स्वर अलापती
आत्मा (प्राणवायु ऊर्जा ) का प्रबोधन और शयन काल आत्मा का प्रबोधन और